Thursday, May 28, 2009


मोहब्बत आँखों से बयां हो जाती है ।

दिल सुलगता है हर चीज पिघल जाती है

जख्म दिल का काफी है कुछ बयां करने के लिए

ज़ज्बात मचलते है शायरी बन जाती है .

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