Thursday, May 28, 2009


चलो आज चांदनी रातों की बातें करें

बिन तेरे बीती उन रातों की बातें करें

कभी साहिल किनारे थाम लूँगा तेरे हाँथ

मुमकिन से नही उन खयालो की बातें करें

मेरी नजरो में तेरा चेहरा जब तैरता हो

झील में खिलते एक कँवल की बातें करें

मेरे हर नज़ारे की शक्ल में जो बस गया

महकते तेरे अहसास के झोको की बातें करे

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